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बड़ा अनोखा हो गया लोगों का व्यवहार , संसद को छलने लगे छैला राजकुमार।

बड़ा अनोखा हो गया लोगों का व्यवहार ,
संसद को छलने लगे छैला राजकुमार। 

इतने शहरी हो गए लोगों के ज़ज़्बात ,
संसद में चलने लगे चप्पल  घूसें  लात। 

अबला संसद हो गई ,दुर्मुख हुए दलाल ,
संसद को करने  लगे खड़गे खूब हलाल। 
वाहगुरुजिओ 

भारत का हर -जन उद्वेलित झुलसाती संसद की काया ,

दूर खड़ा छैला हर्षाया खड़गे को नंगा नचवाया। .. 

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परलोकि दादी मुस्काए ,करदे बेटा रेलमपेल। 

रखियो लाज कुटुम की पूरी वरना बेचेगा तू तेल। 

फिर से फाड़  विधानिक निर्णय खड़गे सुरजे को ही ठेल। 

होते रहते रोज़ फैसले ,चुके मत ना, बना दे रेल। 

राफेल को बोफोर्स बना दे ,सौदे को यकदम बे -मेल। 

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जीत गए तो हम जीते हैं हार गए तो ईवीएम ,

बिलकुल शेष नहीं है शेम।

देश सुरक्षा  गई भाड़ में राफेल बन गया इनका गेम,

संविधान से खेले नित -उत नामचीन हुआ है नेम।

कोर्ट के निर्णय को धकियाते ,

 हो जाती जब  टै टै टैम।

संसद बनी रखैल है ,इनकी  खड़गे -सुरजे हो गए जैम।

 लीला -पुरुष खड़ा हतप्रभ है ,फिर भी करता इनसे प्रेम।


प्रस्तुति :वीरुभाई (वीरेंद्र शर्मा )

वो पक्का यौद्धा  है और परम बोधा है ,
वो बुद्धू  नहीं है जैसा तुम सोचो। (मेरा प्यारा चाय वाला ,सबसे निराला मतवाला मस्त )

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